मेरी आँखों में आँसू की तरह एक रात आ जाओ,
तकल्लुफ से, बनावट से, अदा से…चोट लगती है।
Category: Shayari
मोहब्बत का राज
मोहब्बत का राज उस वक़्त खुल गया,
दिल जब उसकी कसम खाने से मुकर गया।
गुज़रे इश्क़ की
गुज़रे इश्क़ की गलियों से और समझदार हो गए,
कुछ ग़ालिब बने यहाँ कुछ गुलज़ार हो गए।
अपनी मौजूदगी का
अपनी मौजूदगी का एहसास दिला दिया कर,
थक गया हूँ शायरियां करते-करते।
क्या इल्जा़म लगाओगे
क्या इल्जा़म लगाओगे मेरी आशिकी पर,
हम तो सांस भी तुम्हारी यादों से पूछ कर लेते है..
किसी मासूम बच्चे के
किसी मासूम बच्चे के तबस्सुम में उतर जाओ,,,,
तो शायद ये समझ पाओ, की ख़ुदा एैसा भी होता है
बात मिज़ाज़ो की है
बात मिज़ाज़ो की है कि गुल कुछ नही कहते
वरना कभी कांटों को मसलकर दिखलाइये..
कब गुरुर बढ जाए ..
आईने का जाने कब गुरुर बढ जाए …
पत्थरों से भी दोस्ती निभाना जरुरी है..
उम्र का बढ़ना
उम्र का बढ़ना तो दस्तूर- ए जहाँ है
मगर
महसूस ना करो तो उम्र बढ़ती कहाँ है ?
मेरे खेत की मिट्टी
मेरे खेत की मिट्टी से पलता है तेरे शहर का पेट
मेरा नादान गाँव अब भी उलझा है कर्ज की किश्तों में..