बेताबी उनसे मिलने की इस क़दर होती है
हालत जैसी मछली की साहिल पर होती है
Category: Shayari
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
उसे शायद ये पता नहीं था..
की वो भी गुज़र रहा है..!!
सिर्फ पढने भर का
सिर्फ पढने भर का रिश्ता मत रखिये
कभी खैरियत भी तो पूछ लिया कीजिये..!!
चेहरे और पोशाक
चेहरे और पोशाक से आँकती है दुनिया,
रूह में उतर कर कब झाँकती है दुनिया।
यूँ ही आँखें
यूँ ही आँखें किसी की नम नहीं होतीं।
दिल टूटता है पहले, फिर बनते हैं मोती।
दर्द मीठा हो
दर्द मीठा हो तो रुक -रुक के कसक होती है,
याद गहरी हो तो थम -थम के करार आता है।
मैं आदमी हूँ
मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया
बिन तुम्हारे कभी नही
बिन तुम्हारे कभी नही आयी
क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है|
दिल रोता है
दिल रोता है चेहरा हँसता रहता है कैसा कैसा फ़र्ज़ निभाना होता है..
जो गुज़ारी न जा सकी
जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है