हम तो मशहुर थे

हम तो मशहुर थे अपनी तनहाइयों के लिए ,
मुद्तों बाद किसी ने पुकारा है,
एक पल तो हम रुक कर सोचने लगे,
कया यही नाम हमारा है ?

कदम रुक से गए

कदम रुक से गए आज फूलो को बिकता देख,
वो अक्सर कहा करते थे की प्यार फूलो जैसा होता हें…