हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब…. हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी….
Category: Sad Shayri
नज़र झुका के
नज़र झुका के जब भी वो गुजरे हैं करीब से..
हम ने समझ लिया कि आदाब अर्ज़ हो गया ..
बदलते इंसानों की
बदलते इंसानों की बातें हमसे न पूँछो यारों,
हमने हमदर्द को भी हमारा दर्द बनते देखा है!
अपनी आदत नही है
अपनी आदत नही है पुरानी चींजे बदलने की …
हम सादगी पे मरने वाले जाहिल लोग है |
तुम हर तरह से
तुम हर तरह से मेरे लिए ख़ास हो,शुक्रिया वो बनने के लिए जो तुम हो…
आख़िरी उम्र में
आख़िरी उम्र में कैसे मैं ग़मों को छोडूँ..
यह मेरे साथ रहें हैं सगे भाई की तरह !
अच्छे विचारों से
सफलता हमेशा अच्छे विचारों से आती हैं
और अच्छे विचार अच्छे लोगों के सम्पर्क से आते हैं
मुझे गर्व है कि
मैं आपके सम्पर्क में हूँ….
इश्क़ बुझ चुका है
इश्क़ बुझ चुका है,
क्यूंकि हम ज़ल चुके हैं|
आपने नज़र से नज़र
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी,
हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी,
जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके,
पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी.
कुछ भी नया करने में
कुछ भी नया करने में
संकोच मत करो।
ये मत सोचो कि हार होगी ?
हार तो किसी की नहीं होती।
या तो जीत मिलती हैं,
या सीख मिलती हैं।