झुमके से कह दो गालों को चूमना छोड़ दे।
इश्क रुस्वा हुआ तो कत्ल हजार होंगे।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
झुमके से कह दो गालों को चूमना छोड़ दे।
इश्क रुस्वा हुआ तो कत्ल हजार होंगे।
तेरे अल्फाजों से थे जो …शिकवे…
हमने तेरे लबो से लड़कर मिटा दिए|
ज़माना बहुत तेज़ चलता है
साहेब…
मैं एक दिन कुछ ना लिखूँ…लोग मुझे भूलने लगते हैं|
जिस दिन सादगी, श्रुंगार हो जाएगी…
उस दिन,
आईनों की हार हो जाएगी..!!
उन्हें ठहरे समुंदर ने डुबोया
जिन्हें तूफ़ाँ का अंदाज़ा बहुत था |
हम हो गए तुम्हारे,
तुम्हें सोचने के बाद;
अब न देखेंगे किसी को,
तुम्हें देखने के बाद;
दुनिया छोड़ देंगे,
तुम्हें छोड़ने के बाद;खुदा!
माफ़ करे इतने झूठ बोलने के बाद!
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
ये न पूछ के शिकायतें कितनी है तुझसे
ये बता के तेरा और कोई सितम बाकी तो नहीं …!!!
क्या हुनर है तुझमे पगली….हमारे बेग से कोई पेन्सिल ना चुरा पाया और तूने सीने से दिल चुरा लिया..
समझा जिसे सिर्फ इक दिल का सौदा,
वो इश्क़ तो पूरा कारोबार निकला ।।