क्या हो जब इश्क अकेलेपन से हो जाए..
साथ होना किसी का या ना होना इक सी बात हो जाए..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्या हो जब इश्क अकेलेपन से हो जाए..
साथ होना किसी का या ना होना इक सी बात हो जाए..!!
वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब,,
कि इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें…??
तेरी सूरत को जब से देखा है,
लोग मेरी आंखो पे मरते है..!!
वो बर्फ़ का शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा..
धीरे धीरे, खुद-ब-खुद शराब हो गया….
आज एक दुश्मन ने धीरे से कान में कहा,
यार इतना मत मुस्कुराया कर बहोत जलन होती है !!
जिंदगी क्या हैं मत पूछो दोस्तों!
सवर गई तो दुल्हन, बिखर गई तो तमाशा हैं !
रोज़ आ जाते हो बिना इत्तेला दिए ख्वाबों में….
कोई देख लेगा तो हम क्या जवाब देंगे……
सख़्त हाथों से भी….
छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ….
रिश्ते ज़ोर से नहीं….
तमीज़ से थामे जाते हैं…
एक उम्र है जो तेरे बगैर
गुजारनी है.,
और एक लम्हा है जो तेरे बगैर
गुजरता नहीं……….
अक्ल के पास खबर के सिवा कुछ भी नही ।तेरा इलाज नजर के सिवा कुछ भी नही।