दिल मे मोहब्बत तो हम दोनो के बराबर रही…
लेकिन,मैने छुपाया नही और तूंने बताया नही|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल मे मोहब्बत तो हम दोनो के बराबर रही…
लेकिन,मैने छुपाया नही और तूंने बताया नही|
मुस्कुराकर फैर ली उसने नज़र,
रस्मे उल्फ़त यूँ निभाई और बस।
ख़ामोशियाँ जब चीखने लगें..
तो समझो ज़िंदगी रक़ीब हो चली है ख़ुद की..
हमे कहां मालूम था कि इश्क होता क्या
है…?
बस….
एक ‘तुम’ मिली और जिन्दगी….
मोहब्बत बन गई|
मै रंग हुँ तेरे चेहरे का….
जितना तू खुश रहेगा
उतना ही मै निखरती जाऊँगी.!!
आज एक दुश्मन ने धीरे से कान में कहा..
यार इतना मत मुस्कुराया कर , बुहत जलन होती है ..!!
हमको महसूस किया जायेगा खुशबु की तरह …. हम कोई शोर नहीं जो सुनाई देंगे !!
मेला लग जायेगा उस दिन शमशान में…जिस दिन में चला जाऊंगा आसमान में….!!
एहसान जताने का हक भी हमने दिया उन्हे साहिब,
और करते भी तो क्या करते,प्यार था हमारा कैदी नहीं था…
जी ढूँढता है घर कोई दोनों जहाँ से दूर
इस आप की ज़मीं से अलग आसमाँ से दूर|