मेरी उम्र तेरे ख्याल में गुज़र जाए.. चाहे मेरा ख्याल तुझे उम्रभर ना आए|
Category: Sad Shayri
हम ने तो वफ़ा के
हम ने तो वफ़ा के लफ़्ज़ को
भी वजू के साथ छूआ
जाते वक़्त उस ज़ालिम को
इतना भी ख़याल न हुआ|
मुल्क़ ने माँगी थी
मुल्क़ ने माँगी थी
उजाले की एक किरन..
निज़ाम ने हुक़्म दिया
चलो आग लगा दी जाय..!!
लोग कहते हैं
लोग कहते हैं कि समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं,
मैं अरसे से खामोश हूं और वो बरसों से बेखबर….
आग लगाना मेरी
आग लगाना मेरी फ़ितरत में नहीं..,
पर लोग मेरी सादगी से ही जल जाये…
उस में मेरा क्या क़सूर…!!
आज उसने अपने हाथ से
आज उसने अपने हाथ से पिलायी है यारो,
लगता है आज नशा भी नशे मे है…
धुले नहीं दाग
धुले नहीं दाग खून के और
हमे बद्दुआ देने चले आए है।
हर अल्फाज दिल का
हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो,
कोन जाने कोन सी शायरी आखरी हो जाये|
आहिस्ता बोलने का
आहिस्ता बोलने का उनका अंदाज़ भी कमाल था..
कानो ने कुछ सुना नही और दिल सब समझ गया..
हर अल्फाज दिल का
हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो,
कोन जाने कोन सी शायरी आखरी हो जाये|