उम्र भर ख़्वाबों की मंज़िल का सफ़र जारी रहा,
ज़िंदगी भर तजरबों के ज़ख़्म काम आते रहे…
Category: Sad Shayri
इश्क की हिमाकत
इश्क की हिमाकत जो उनसे कर बैठे यूँ ही हम खुदसे बिछड़ बैठे !!!
उसने ऐसी चाल चली के
उसने ऐसी चाल चली के मेरी मात यकीनी थी,
फिर अपनी अपनी किस्मत थी,
हारी मैं, पछताया वो…..!!!!!!
शिकवा तकदीर का
शिकवा तकदीर का, ना शिकायत अच्छी,
वो जिस हाल में रखे, वही ज़िंदगी अच्छी
कोशिश करता हूँ
कोशिश करता हूँ लिखने की,तुम्हारी मुस्कान लिखी नहीं जाती..।
मैं तो अदना सा शायर हूँ, ये दास्तान लिखी नहीं जाती..।
झूठ बोलने का रियाज़
झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ, सुबह और शाम में; सच बोलने की अदा ने हमसे कई अज़ीज़ छीन लिए।
लोग आते हैं
लोग आते हैं मेरे घर की दरारें देखने,
मुझ से मिलने के अक्सर बहाने कर के…!!
यूँ ना खींच मुझे
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के,
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले .!
जब भी हक़ जता कर
जब भी हक़ जता कर देखा,
मुझे हदें बता दीं गईं मेरी !!!
इस दुनिया मेँ
इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है..
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !