नजाकत तो देखिये

नजाकत तो देखिये, की सूखे पत्ते ने डाली से कहा,

चुपके से अलग करना वरना लोगो का रिश्तों से भरोसा उठ जायेगा !!

कभी इश्क़ करो

कभी इश्क़ करो और फिर देखो इस आग में जलते रहने से..
कभी दिल पर आँच नहीं आती कभी रंग ख़राब नहीं होता..

एक चादर साँझ ने

एक चादर साँझ ने सारे नगर पर डाल दी,
यह अँधेरे की सड़क उस भोर तक जाती तो है!
निर्वसन मैदान में लेटी हुई है जो नदी,
पत्थरों से ओट में जा-जा के बतियाती तो है!!!