मेरा मजहब तो,
ये दो हथेलियाँ बताती हैं
जुड़े तो पूजा,
खुले तो दुआ कहाती हैं..!!!
Category: Sad Shayri
मैं वक़्त बन जाऊ
मैं वक़्त बन जाऊ, तू बन जाना कोई लम्हा,
मैं तुझमे गुज़र जाऊं, तू मुझमें गुज़र जाना…
लौटा देती ज़िन्दगी
लौटा देती ज़िन्दगी एक दिन नाराज़ होकर ,,,,
काश मेरा बचपन भी कोई अवार्ड होता।
लहज़े में बदज़ुबानी
लहज़े में बदज़ुबानी,
चेहरे पे नक़ाब लिए फिरते है,
जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े है
वो मेरा हिसाब लिए फिरते है…।।
जिन्दगी में एक बार
जिन्दगी में एक बार वो
मेरी हो जाती
कसम खुदा की,
दुनिया की हर किताब से नाम बेवफाई
का मिटा देता..!!
बहुत देता है
बहुत देता है तू उसकी
गवाहियाँ और उसकी सफाईया
समझ नहीं आता तू मेरा दिल है या उसका वकील !!!
दिल की उम्मीदों का
दिल की उम्मीदों का
हौसला तो देखो,
इन्तजार उसका.. जिसको एहसास तक नहीं.!!!
हमको टालने का
हमको टालने का
शायद तुमको सलीका आ गया. . .
बात तो करते हो लेकिन,अब तुम अपने नहीं लगते !!
बिछड़ने के कोई कायदे
बिछड़ने के कोई कायदे
कानून तो होने चाहिए….
ये क्या हुआ —
दिल खाली था तो रहने लगे
दिल भर गया तो चल दिए …
तुम्हारा दीदार..और वो
तुम्हारा दीदार..और वो
भी..आँखों में आँखें डालकर….
.हाय
ये कशिश.. बयाँ करना, मेरे बस की बात नही…. ।।