हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!!
जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….
Category: Sad Shayri
कैसी उम्र में
कैसी उम्र में आ कर मिले हों हमसे,
जब हाथों की मेंहंदी बालों में लग रही है।
सबको हँसता ही
सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मैं,
किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नहीं।।
उदास रहता है
उदास रहता है मोहल्ले में बारिशों का पानी आजकल,
सुना है कागज के नाव बनाने वाले बच्चे बङे हो गए है !!
कुछ अजीब सा
कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां;
ना नफरत की वजह मिल रही है ना मोहब्बत का सिला..!
मंजूर है तेरे
मंजूर है तेरे हर फैसले, दूर जाने की वजह.. कि मजबूरी होगी कोई तेरी,
आँसू पोंछ ले पगली, मैने कब कहा तेरी बात पर यकीऩ नहीं…
मेरे टूटने का
मेरे टूटने का जिम्मेदार मेरा जौहरी ही है,
उसी की ये जिद थी अभी और तराशा जाय…
जो वक़्त पे
जो वक़्त पे रिप्लाई नही देते,
वो वक़्त पे साथ क्या देंगे।।
काश तू आये
काश तू आये और गले लगकर कहे,
बस बहुत हो गया अब नही रहा जाता तेरे बिना।।
लिखते है सदा
लिखते है सदा उन्हीं के लिए,
जिन्होंने हमे कभी पढ़ा ही नहीँ।।