उसे जाने को जल्दी थी सो मैं आँखों ही आँखों में,
जहां तक छोड़ सकता था वहाँ तक छोड़ आया हूँ…
Category: Sad Shayri
सन्नाटा छा गया
सन्नाटा छा गया बँटवारे के किस्से में,
जब माँ ने पूँछा- मैं हूँ किसके हिस्से में
जहाँ आपको लगे कि
जहाँ आपको लगे कि आपकी जरूरत नही है..
वहां ख़ामोशी से खुद को अलग कर लेना चाहिए!!
यूँ तो ए-ज़िन्दगी
यूँ तो ए-ज़िन्दगी, तेरे सफर से शिकायते बहुत थी, मगर “दर्द” जब “दर्ज” कराने पहुँचे तो “कतारे” बहुत थी।
दिलों में रहता हूँ
दिलों में रहता हूँ धड़कने थमा देता हूँ
मैं इश्क़ हूँ,
वजूद की धज्जियां उड़ा देता हूँ
मैं तुझे चांद कह दूं
मैं तुझे चांद कह दूं ये मुमकिन तो है मगर
लोग तुझे रात भर देखें ये गवारा नहीं मुझे|
बीती जो खुद पर
बीती जो खुद पर तो कुछ न आया समझ
मशवरे यूं तो औरों को दिया करते थे..
मंजिल मिल ही जायेगी
मंजिल मिल ही जायेगी, भटकते हुए ही सही..
गुमराह तो वो हैं, जो घर से निकले ही नहीं।
तेरी खूबसूरती जैसे ….
तेरी खूबसूरती जैसे ….
बारिश के बाद पत्तों पर ठहरा हुआ पानी …..
एक तमन्ना तेरे संग
एक तमन्ना
तेरे संग गुज़र जाए ..
ये उम्र जो बाक़ी है …