मृत्यु के बाद

मृत्यु के बाद
यही है
जीवन का कड़वा सच:-
1:-“पत्नी ” मकान तक
?
2:-“समाज”शमशान तक
3:-“पुत्र”अग्निदान तक

सिर्फ आप के
“कर्म” भगवान तक

देखा है मैंने

देखा है मैंने बड़ा इतराये फिरते थे वो अपने हुस्न-ए-
रुखसार पर …
बड़े मायूस हो गए है यारो….
जबसे देखी है अपनी तस्वीर कार्ड-ए-आधार पर

मै इश्क का

मै इश्क का मुफ़्ती तो नहीं..
मगर ये मेरा फतवा है।।।।
जो राह में छोड़ जाए…
वो काफ़िर से भी बदतर है।।।।