बेसबब होती नहीं रूसवाइयां
कुछ हकीकत थी तो अफसाने बने।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बेसबब होती नहीं रूसवाइयां
कुछ हकीकत थी तो अफसाने बने।
मिले तो हजारो लोग थे
ज़िन्दगी में..
पर वो सब से अलग थी
जो किस्मत में नहीं थी…
तुम सो जाओ अपनी दुनिया में आराम से,
मेरा अभी इस रात से कुछ हिसाब बाकी है…
गहरी बात कहुगा सुनिय…..-
प्यार मैं करूँगा तो …
नखरे तो वाो करेगी ही..
इश्क का होना भी लाजमी है शायरी के लिये,
सिर्फ कलम लिखती तो आज हर कोई शायर होता।
वैसे ही दिन,वैसी ही रातें,वही रोज़ का फ़साना लगता है…
अभी चार दिन नहीं गुजरे,साल अभी से पुराना लगता है…
सब छोड़े जा रहे हैं आजकल हमें,
ऐ जिन्दगी…!
तुझे भी इजाजत है, जा ऐश कर…
बस एक बार तुमसे बात हो जाए तो रात को दिल कहता है
आज दिन अच्छा था
वो बेपरवाह बचपन, वो छोटी
छोटी ख्वाहिशे,
बस हँसी और सिर्फ हँसी,
कितने रईस थे हम।।
अब आएगा शायर की शायरी का मज़ा…
आज शायर का इंसान पे भरोसे का भी जनाजा निकल गया……..!