आता है जज्बे-दिल को वह अन्दाजे-मैकशी..
रिन्दों में रिन्द भी रहें, दामन भी तर न हो..!
Category: Sad Shayri
शम्अ का रंग
खूब इन्साफ तेरे अंजुमने-नाज में है..
शम्अ का रंग जमे खून हो परवाने का..!
धब्बा न लग जाये
कहीं धब्बा न लग जाये तेरी बंदानवाजी पर..
मुझे भी देख मुद्दत से तेरी महफिल में रहते है..!
मैं तुझे बता दूँ
आ मैं तुझे बता दूँ, राजे-गमे-मुहब्बत..
एहसासे-आरजू ही, तकमीले-आरजू है..!
कांटा समझ के
कांटा समझ के मुझ से न दामन बचाइए..
गुजरी हुई बहार की इक यादगार हूँ..!
क्या सबूत दूँ
उसकी चाहत का मैं और क्या सबूत दूँ…
उसने लगाई भी बिंदी तो मेरी आँखों में देखकर…
सूखे पत्तों की तरह
“उम्र भर सूखे पत्तों की तरह बिखरे हुए थे
हम ,आज किसी ने समेटा,
वो भी जलाने के लिए “”।
कितने मज़बूर है
कितने मज़बूर है हम तकदीर के हाथो..
ना तुम्हे पाने की औकात रखतेँ हैँ, और ना तुम्हे खोने का हौसला.!!
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता भी कितना अजीब होता है।
मिल जाये तो बातें लंबी और बिछड़ जायें तो यादें लंबी।
दिल लगाकर सुनो
ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है. कान लगाकर नहीं,
दिल लगाकर सुनो……