जो हमें समझ नही सकते!!!!
उन्हें हक़ है…. हमें बुरा समझें!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो हमें समझ नही सकते!!!!
उन्हें हक़ है…. हमें बुरा समझें!!!
उसके आने से जो आ जाती है मुंह पर रौनक,
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।
सो जायेगी कल लिपटकर,
तिरंगे के साथ अलमारी में…..
देशभक्ति है साहब,
तारीखों पर जागती है….
वो पगली हमसे इस कदर नाराज़ हुए बैठी है
समझ नही आता की
उसे मनाए या फिर
ये ना हो कि मै कहीं तुझको लाजवाब करदूं ..
तू कुछ सवाल रहने दे, मै कुछ जवाब रहने दू..!
दूरियाँ जब बढ़ी तो गलतफहमियां भी बढ़ गयी;
फिर तुमने वो भी सुना जो मैंने कहा ही नही।
बस मे होता गर हाल ए दिल बयाँ करना
तो कसम से हम आईने को भी रुला देते..!
जब इश्क और क्रांति का
अंजाम एक ही है
तो राँझा बनने से अच्छा है
भगत सिंह बन जाओ…..!!
Hum jaante hain taghafful na karoge lekin
Khaak ho jayenge hum tumko khabar hone tak
आने में सदा देर लगाते ही रहे तुम..
जाते रहे हम जान से आते ही रहे तुम..!