चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं;
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते हैं;,
बच के रहना इन हुस्नवालों से यारो;
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं।
Category: Sad Shayri
अपने भी तो चलते है
माना के तबाही मे कुछ हाथ है दुश्मन का
कुछ चाल कयामत की अपने भी तो चलते है
फूलों को सजाकर
जुल्फों में फूलों को सजाकर आई है
चेहरे से दुपट्टा उठा कर आइ है किसी ने पूछा आज बहुत खूबसूरत लग रही हो
तो मैंने कहा शायद आप नहा कर आई है|
इतनी चाहत से न देखा
इतनी चाहत से न देखा कीजिए महफ़िल में आप,
शहर वालों से हमारी दुशमनी बढ़ जायेगी..
तौबा ईश्क से
हम नहीं करते तौबा ईश्क से,ईश्क तो हमारा पेशा है!!
वो ईश्क ही क्या जिसमें यार बेवफा ना हो!!
बेवफा लोगो को
बेवफा लोगो को हमसे बेहतर कोन जानेगा ,
हम तो जले हुवे कागजों से भी अल्फाज़ पढ़ लिया करते है|
आँखों की हिरासत में
हजारों अश्क़ मेरी आँखों की हिरासत में थे…
फिर तेरी याद आई और इन्हें जमानत मिल गई…!!
मुझ पे एतबार
मोसम की तरह बदलते हें उस के वादे
उपर से ये ज़िद कि तुम मुझ पे एतबार करो!!
घट जाते हैं दाम अक़सर
अगर बिकने पे आ जाओ तो…
घट जाते हैं दाम अक़सर,
न बिकने का इरादा हो…
तो क़ीमत और बढ़ती है|
गुफ्तगू करते रहिये ये
गुफ्तगू करते रहिये ये इंसानी फितरत है।
जाले लग जाते है जब मकान बंद रहते है !