बंदूक तो हम शौक़ के लिए रखते है
खौफ़ के लिए तो हमारा नाम ही काफी है।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बंदूक तो हम शौक़ के लिए रखते है
खौफ़ के लिए तो हमारा नाम ही काफी है।
सवालज़हर का नहीं था,
वो तो मैं पी गया ..तक़लीफ़
लोगों को तब हुई …जब मैं
जी गया..!!!
वक़्त बदल जाता है इंसान बदल जाते हैं;
वक़्त वक़्त पे रिश्तों के अंदाज़ बदल जाते हैं!!
उम्र ने तलाशी ली,
तो जेबों से लम्हे बरामद हुए.
कुछ ग़म के,
कुछ नम थे,
कुछ टूटे,
कुछ सही सलामत थे..!!
वो तो फितरत है इंसान की
बेटियों को बोझ समझना..
वरना बेटियां तो अपना भाग्य लेकर पैदा
होती है..!!
चल रहा है रिशवतों का दौर इस दुनिया में जोरों शोरों से…
तुम भी कुछ ले-दे कर मेरे हो जाओ ना….
काश दिल की आवाज़ का इतना असर हो जाये……
हम जिन्हें याद करे उन्हें ख़बर हो जाये……
आइना जब भी उठाया करो.. पहले देखो फिर दिखाया करो.!!
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख….
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
किस किस का नाम लें, अपनी बरबादी मेँ;
बहुत लोग आये थे दुआयेँ देने …शादी मेँ!