कभी नीम सी

कभी नीम सी जिंदगी ।।
कभी नमक सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक शहद सी जिंदगी ।।
कभी पत्थर सी जिंदगी ।।
कभी काँटों सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक मुलायम सी जिंदगी ।।
कभी तपती सी जिंदगी ।।
कभी गीली सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक सलोनी सी जिंदगी ।।
कभी भागती सी जिंदगी ।।
कभी रूकती सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक सुकून सी जिंदगी ।।
कभी सफ़ेद सी जिंदगी ।।
कभी काली सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक रंगीन सी जिंदगी ।।
कभी पराई सी जिंदगी ।।
कभी बेगानी सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक अपनी सी जिंदगी ।।
कभी दिखावे सी जिंदगी ।।
कभी झूठी सी जिंदगी ।।
मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।
एक सच्ची सी जिंदगी ।।

यादे पुरानी रह गयी

तेरी मुहब्बत अब बस कहानी रह गयी

शहर छूट गया यहाँ यादे पुरानी रह गयी

कोई पूछे जो “सोनी” की खैरियत तो ,
कहना वह दीवाना था और उस की दीवानगी रह गयी