फांसलो का अहेसास तो तब हुआ,
जब मैंने कहा मैं ठीक हूँ और उसने मान लिया !!
Category: Sad Shayri
रोज सोचता हूँ
रोज सोचता हूँ तुझे भूल जाऊ, रोज यही बात…. भूल जाता हूँ
सुबह को कुछ है
सुबह को कुछ है और शाम को है कुछ और,
गरीब की तकलीफ़ें अब अमीरों के लिबास जैसी है।
देखी है बेरुखी की…
देखी है बेरुखी की… आज हम ने इन्तेहाँ,
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए.।
हमारे बगैर भी
हमारे बगैर भी आबाद थीं महफिलें उनकी.
और हम समझते थे कि उनकी रौनकें हम से है…..!!!!
जिसे दिल केहते हैं…
वो चीज़ जिसे दिल केहते हैं…
हम भुल गये हैं, रख के कहीं…
नही है हमारा हाल
नही है हमारा हाल,
कुछ तुम्हारे हाल से अलग,
बस फ़र्क है इतना,
कि तुम याद करते हो,
और हम भूल नही पाते.
वो आईने को भी
वो आईने को भी हैरत मे डाल देता है
खुदा किसी किसी को ये कमाल देता है……
आज हम हैं
आज हम हैं, कल हमारी यादें होंगी.
जब हम ना होंगे, तब हमारी बातें होंगी.
कभी पलटो गे जिंदगी के ये पन्ने,
तो शायद आप की आँखों से भी बरसातें होंगी.
देखकर हैरान हूं
देखकर हैरान हूं आईने का जिगर..!
एक तो कातिल सी नजर उस पर काजल का कहर