उस के लिये

जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह….!
‘ए खुदा’
फिर क्यू सिर्फ मेरा ही दिल तडफता है उस के लिये…!

उनकी चालाकियाँ मुझे

कुछ लोगों को लगता है,
उनकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आती….
और मैं बड़ी खामोशी से देखता हूँ,उनको अपनी नज़रों से गिरते हुए…!!

आज भी बेखबर है

तुम गैर हो चुके हो इस बात की ज़माने को खबर है,
पर हम तो सिर्फ तेरे ही है इस बात से तू आज भी बेखबर है !!

इश्क़ के चर्चे

इश्क़ के ख़याल बहुत हैं.. इश्क़ के चर्चे बहुत हैं..

सोचते हैं हम भी कर ले इश्क़.. पर सुनते हैं इश्क़ में खर्चे बहुत हैं..