जुदाई से डरता हुँ।

जमाने से नही तो तनहाई से डरता हुँ,
प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हुँ,
मिलने की उमंग बहुत होती है,
लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हुँ।

न किसी किताब से

प्रेम न तो किसी शब्द से और न किसी किताब से परिभाषित किया जा सकता है।

ये तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है।

वफा की बात

न वफा का जिकर होगा न वफा की बात होगी

अब मोहब्बत जिससे भी होगी Exam के बाद होगी…

खुश किश्मत हो

तुम खुश किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना,

हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है..!!

कोई अच्छी सी सज़ा दो

कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको, चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,

तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये, दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको