जमाने से नही तो तनहाई से डरता हुँ,
प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हुँ,
मिलने की उमंग बहुत होती है,
लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हुँ।
Category: Sad Bewafa Shayri
मेरे दिल मे हो
फासला रख के क्या हासील कर लीया तुमने
रह ते तो आज भी मेरे दिल मे हो
मोहब्बत बेशरम है
पुरानी होकर भी खास होते जा रही है,
मोहब्बत बेशरम है, बेहिसाब होते जा रही है।
तकदीरे बदल जाती है
तकदीरे बदल जाती है,
जब जिंदगी जीने का कोई मकसद हो वर्ना जिंदगी कट जाती हे,
“तक़दीर” को इल्जाम देते देते !!!
न किसी किताब से
प्रेम न तो किसी शब्द से और न किसी किताब से परिभाषित किया जा सकता है।
ये तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
वफा की बात
न वफा का जिकर होगा न वफा की बात होगी
अब मोहब्बत जिससे भी होगी Exam के बाद होगी…
खुश किश्मत हो
तुम खुश किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना,
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है..!!
तलब ऐसी की बसा लूँ
तलब ऐसी की बसा लूँ साँसों में तुम्हें..
और किस्मत ऐसी की…
दीदार के भी मोहताज है….!!
जरुरत होती है
कभी कभी ऐसा भी होता है,की सुकून के लिये,
दवा की नहीं किसी के साथ की जरुरत होती है……!!
कोई अच्छी सी सज़ा दो
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको, चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये, दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको