मत आया कर मेरे कब्र पे फातिहा पढने अब तो सोने दे
थक गया हू तेरा इंतज़ार करते करते|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मत आया कर मेरे कब्र पे फातिहा पढने अब तो सोने दे
थक गया हू तेरा इंतज़ार करते करते|
यकीन करो मेरा ,लाख कोशिशें कर चुका हूँ मैं !
ना सीने की धड़कन रुकती है, ना तुम्हारी याद !!
कुछ यूँ हुवा हाल दिल्लगी में चोट खाकर…
वफाए फितरत में रह गई और मोहब्बत से वास्ता न रहा..!!
सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे, देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे,
पर जब जब सामने आया उनका चेहरा, सोचा एस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे……
उस दिन बहुत सुंन्दर लग रही थी
वो……मगर पहली बार किसी और कि लग
रही थी वो…
आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग,
जब ‘रूह’ निकल जाएगी तो कफन हटा हटा कर देखेंगे लोग..
दिल तुम्हारी तरफ कुछ यूँ झुक सा जाता है..
किसी बेइमान बनिए का तराजु हो जैसे..!!
एक तरफा ही सही…प्यार तो प्यार है…,
उसे हो ना हो…लेकिन मुझे बेशुमार है…!
अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का,,
सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तों का…
ये दुनिया इसलिए बुरी नही के यहाँ बुरे लोग ज्यादा है।
बल्कि इसलिए बुरी है कि यहाँ अच्छे
लोग खामोश है..!!!
वो मंजर भी मोहब्बत का बडा दिलकश गुजरा,
किसी ने हाल पुछा और आँखें भर आई !!