मुनासिबं समझो तो,
सिर्फ इतना ही बता दो मुझे…
दिल मेरा बेचैन है बहुत,
कहीं तुम उदास तो नही…??
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुनासिबं समझो तो,
सिर्फ इतना ही बता दो मुझे…
दिल मेरा बेचैन है बहुत,
कहीं तुम उदास तो नही…??
इसी कश्मकशं मे गुजर जाता है सारा दिन…
कि,तुमसे बात करुँ या तुम्हारी बात करुँ…??
करता नहीं तुमसे शिकायत ये दिल मगर,
कहना ये चाहता है के तुम वो नहीं रहे…
खुश चेहरे के पीछे ग़मों को पहचान लेती है,
वो माँ ही है जो दिल का हाल जान लेती है !!
कम ही होते हैं जज़्बातों को समझने वाले…
इसलिए शायद शायरों की बस्तियां नहीं होती…
यादों का बंधन तोड़ना इतना आसान नहीं है दोस्त..!
कुछ लोग दिलों में बस जाते हैं लहू की तरह..!!
समने हो मंज़िल तो रास्ते ना मोडना,
जो भी मन मे हो वो सपना ना तोडना,
कदम कदम पे मिलेगी मुशकिल आपको,
बस सितारे चुन-ने के लिये कभी ज़मीन मत छोडना
यह कैसी लगन तुने हमको लगा
दी…..
सोचा था प्यास बुझेगी तुने और बढ़ा दी….
आज पगली बरसों बाद मिली तो गले लगकर खूब रोई..
जानते हो ये वही थी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारों मिलेंगे |
नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है…
कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है…