ज़िन्दगी के ब्लैक बोर्ड पर अनगिनत पेँसिलोँ को
घिसते और रबर के बुरादे को झाड़ते हुए….
कितने सपने सजाते और मिटाते हम सब बड़े हो गए….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ज़िन्दगी के ब्लैक बोर्ड पर अनगिनत पेँसिलोँ को
घिसते और रबर के बुरादे को झाड़ते हुए….
कितने सपने सजाते और मिटाते हम सब बड़े हो गए….
जागने वाले तुझे ढूंढते ही रह जाएंगे…
मैं तेरे सपने में आकर तुझे ले जाऊँगा
सिर्फ …. तस्वीर रह गई बाकी
जिसमें हम … एक साथ बैठे हैं …॥
तु ही जीने की वज़ह है
तु ही मरने का सबब है
तु अजब है ,
तु गज़ब है ,
तु ही तब था
तु ही अब है……..
वादा है तुमसे ।
दिल बनकर तुम धड़कोगे
और सांस बनकर हम आएँगे।।।
ये नया शहर तो है खूब बसाया तुमने….
क्यों पुराना हुआ वीरान जरा देख तो लो…
तेरा साया भी पड़ जाए रूह जी उठती है,
सोच तेरे आने से मंजर क्या होगा |
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई एब नहीं है
पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है|
वो ज़हर देकर मारता तो दुनियां की नज़रों में आ जाता,
अंदाज़-ऐ-क़त्ल तो देखो मुहब्बत कर के छोड़ दिया …
जरा सा कतरा कहीं आज अगर उभरता है ‘
तो समन्दरों के ही लहजे में बात करता है !!
सराफ़तों को यहाँ अहमियत नहीं मिलती !!
किसी का कुछ न बिगाड़ो तो कौन डरता है!!!!