जरा सी जेब क्या फटी…
सिक्कोंसे ज्यादा रिश्ते गिर पडे..
Category: Sad Bewafa Shayri
थक कर सोये हैं
थक कर सोये हैं जब जब , नींदो की हदबन्दी मे ।हर बार छलक जाता है, आखो से ख्बाब तुम्हारा ।।
बेताब किया है ।
जज्बो को मेरे और भी बेताब किया है ।
मेहँदी लगाके तुमने जो आदाब किया है |
लफ्ज ही ऐसी चीज़ है
लफ्ज ही ऐसी चीज़ है
जिसकी वजह सेइंसान
या तो दिल में उतर जाता
है या दिल से उतर जाता है
ज़िन्दगी के इस कश्मकश
मे वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ
लेकिन वक़्त का बहाना बना
कर अपनों को भूल जाना मुझे
आज भी नहीं आता !
जहाँ दोस्त याद न आए वो
तन्हाई किस काम की
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई
किस काम की बेशक अपनी
मंज़िल तक जाना है
पर जहाँ से अपना दोस्त ना
दिखे वो ऊंचाई किस काम की …….
तनिक सुनो मेरी बात
तनिक सुनो मेरी बात ।
हमसफ़र ख़ूबसूरत नहीं सच्चा होना चाहिए…!तनिक सुनो मेरी बात
मैं मुसाफिर हूँ
मैं मुसाफिर हूँ ख़ताऐं भी हुई हैं मुझसे ……!!!
तुम तराज़ू में मेरे पाँव के छाले रखना ……!!!
इस तरह ज़िन्दगी में
इस तरह ज़िन्दगी में मुझे तेरा साथ चाहिये,
जैसे बच्चे को भीड़ में एक हाथ चाहिए.
उम्मीदों से बंधा
उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान,
जो घायल भी उम्मीदों से है और जिन्दा भी उम्मीदों पर है…
चखे हैं जाने कितने
चखे हैं जाने कितने जायके महंगे मगर ऐ माँ,
तेरी चुल्हे की रोटी सारे पकवानो पे भारी है…
कभी टूटा नही
कभी टूटा नही मेरे दिल से तेरी याद का रिश्ता…
गुफ़्तुगू जिस से भी हो ख़याल तेरा ही रहता है..