बाँध लूं हाथ में, या सीने से लगा लूँ तुम को,
दिल में आता है कि ताबीज बना लूं तुम को !!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बाँध लूं हाथ में, या सीने से लगा लूँ तुम को,
दिल में आता है कि ताबीज बना लूं तुम को !!!
इंतज़ार है हमे आपके आने का,
वो नज़रे मिला के नज़रे चुराने का,
मत पूछ ए-सनम दिल का आलम क्या है,
इंतज़ारा है बस तुझमे सिमट जाने का…
तू मुझे अच्छी या बुरी नहीं लगती तू मुझे सिर्फ मेरी लगती है ।
वो जब अपने हाथो की लकीरों में मेरा नाम ढूंढ कर थक गये,
सर झुकाकर बोले, लकीरें झूठ बोलती है तुम सिर्फ मेरे हो..
मेरे दिल में
अपनी मौजूदगी का एहसास तो करके देखो
तुम्हें मुझमें सिर्फ तुम ही तुम मिलोगे ।
आसान नही है हमसे यूँ शायिरयों में जीत पाना, हम हर एक शब्द मोहब्बत में हार कर लिखते हैं..
कोई मरता रहा बात करने को..
किसी को परवाह तक नहीं|
तरीके तो बहुत थे खुदखुशी के…
ना जाने हम सबने मोहब्बत ही क्यों चुनी…
गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते हैं,
यहाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते हैं……
कुछ दिन से ज़िंदगी मुझे पहचानती नहीं…
यूँ देखती है जैसे मुझे जानती नहीं..