वही रास्ते वही मंजिले…
ना मुझे ख़बर ना उसे पता…
Category: Sad Bewafa Shayri
यूँ ही रंजिशों में
- यूँ ही रंजिशों में गुजर गयी..
कभी मैं ख़फ़ा कभी वो खफ़ा..।।
बड़े ही खुबसूरत
बड़े ही खुबसूरत वहम में जिंदगी गुजार दी मैंने,
की कहीं तो कोई है जो सिर्फ मेरा है !!
शोहरत की बुलंदी
शोहरत की बुलंदी तो पल भर का तमाशा है,
जिस शाख़ पे बैठे हो वो टूट भी सकती है..!!
ज़मीर ज़िंदा रख
ज़मीर ज़िंदा रख, कबीर ज़िंदा रख..
सुल्तान भी बन जाए तो, दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख..!
हौसले के तरकश में,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख..
हार जा चाहे जिन्दगी मे सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिन्दा रख..!
बड़ी मुश्किल से
बड़ी मुश्किल से सुलाया है ख़ुद को मैंने,
अपनी आँखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर..
कहने वालों का
कहने वालों का कुछ नहीं जाता;
सहने वाले कमाल करते हैं;
कौन ढूंढें जवाब दर्दों के;
लोग तो बस सवाल करते है।
बेवफा से भी
बेवफा से भी प्यार होता है ।
यार कुछ भी हो यार होता ।।
जो हखीकत मे प्यार होता है।
ऊमर मे एक बार होता है।।
तेरे होंठों ने
तेरे होंठों ने जो ग़ज़ल लिखी थी गर्दन पर मेरी,
आज भी हाथ फेरता हूँ तो निशान उभर आते हैं..
बहुत ख़ामोशी से
बहुत ख़ामोशी से टूट गया…
वो एक भरोसा जो उस पे था.!!!!