मसला एक यह भी है, जालिम दुनिया का,
कोई अगर अच्छा भी है, तो अच्छा क्यूँ है …
Category: Sad Bewafa Shayri
यूँ ही गुजर जाती है
यूँ ही गुजर जाती है शाम अंजुमन में,
कुछ तेरी आँखों के बहाने कुछ तेरी बातो के बहाने!
तुम्हारी बेरुख़ी ने
तुम्हारी बेरुख़ी ने लाज रख ली बादाख़ाने की,
तुम आँखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते !!
आऊंगा मै इक रोज
आऊंगा मै इक रोज तेरा दर्द पूछने
ख़ुदा जो दे गर मुझे मेरा दर्द भूलने|
मैं शीशा हूँ
मैं शीशा हूँ
टूटना मेरी किस्मत है इसलिए पत्थरो से मुझे
कोई शिकायत नहीं होती|
बहुत आसान है
बहुत आसान है पहचान इसकी
अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है|
सोचता हूँ बेच ही डालू
सोचता हूँ बेच ही डालू अब इसे…
मेरे सब उसूल पुराने हो गए है|
तेरे पास जब
तेरे पास जब भी रहा हुँ …अक्सर ये हुआ है ,
होठों ने तुझे देखा …और आँखों ने छुआ है|
कुएं के पेहरेदारो को
कुएं के पेहरेदारो को अपनी प्यास मत दिखा,
खुदा का नाम ले पानी तेरी ठोकर से निकलेगा|
दाग दुशमन से
दाग दुशमन से भी झुककर मिलिए
कुछ अजीब चीज है मिलनसारी|