किताब मेरी, पन्ने मेरे और सोच भी मेरी;
फिर मैंने जो लिखे वो ख्याल क्यों तेरे!
Category: Sad Bewafa Shayri
कौन पूछता है
कौन पूछता है पिंजरे में बंद परिंदों को;
याद वही आते हैं जो उड़ जाते हैं!
बहुत अलग सा है
बहुत अलग सा है मेरे दिल का हाल;
एक तेरी ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल!
पहले भी था
पहले भी था अब भी है
इश्क़ हमारा बाग़ का चौकीदार हो गया|
खूबसूरती न सूरत में है
खूबसूरती न सूरत में है न लिबास में….
निगाहें जिसे चाहे उसे हसीन कर दें|
भरोसे कितने भी
भरोसे कितने भी टूट जाये,
मगर भरोसे की आदत नहीं ।
एक लम्हे में
एक लम्हे में बिखर जाता है ताना-बाना
और फिर उम्र गुज़र जाती है यकजाई में
किसी खुदा का
किसी खुदा का दख़ल ना हो ज़िंदगी के लिये…,
ख़याले-ए-यार ही काफी़ है बंदगी के लीये…!
जल्वा-ए-जानाना
जल्वा-ए-जानाना फिर ऐसी झलक दिखला
हसरत भी रहे बाक़ी अरमाँ भी निकल जाए|
अल्फाज बेचने हैं
अल्फाज बेचने हैं जज्बातों के
कीमत गुजरा समय है…खरीद लो अब