जिनकी शायरियो में होती है सिसकिया,
वो शायर नहीं किसी बेवफा के दीवाने होते है !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जिनकी शायरियो में होती है सिसकिया,
वो शायर नहीं किसी बेवफा के दीवाने होते है !
कुछ लोग जी रहे हैं,शराफ़त को बेचकर,
थोड़ी-बहुत शराफ़त उन्हीं से खरीदिये!
अमीर तो हम भी थे दोस्तों,
बस दौलत सिर्फ दिल की थी…
खर्च तो बहुत किया,
पर गिनती सिर्फ सिक्खों की हुई…….
हमको ख़ुशी मिल भी गई तो कहा रखेगे हम आँखों में हसरतें है तो दिल में किसी का गम
खुबसूरत क्या कह दिया उनको, के वो हमको छोड़कर शीशे के हो गए
तराशा नहीं था तो पत्थर थे, तराश दिया तो खुदा हो गए|
वो जिसका बच्चा आठों पहर से भूखा हो बता खुदा वो गुनाह न करे तो क्या करे|
जिन्दगी बैठी थी अपने हुस्न पै फूली हुई,
मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया………..
मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए.
वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए..
उसकी जीत से होती हे ख़ुशी मुझको….!
यही जवाब मेरे पास अपनी हार का था ….
मसरुफ रहने का अंदाज आपको तन्हा ना कर दे,
रिश्ते फुरसत के नही, तवज्जो के मोहताज़ होते हैं ….