ख्वाब मत बना मुझे सच नहीं होते..
साया बना लो मुझे साथ नहीं छोडूंगा…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ख्वाब मत बना मुझे सच नहीं होते..
साया बना लो मुझे साथ नहीं छोडूंगा…!
मेरी तो बस एक छोटी सी ख्वाहिश है,
की
तुम्हारी कोई ख्वाहिश अधूरी ना रहे…
बिछड़ के भी वो रोज मिलते है हमसे ख्वाबों में….
ये नींद न होती तो हम कब के मर गये होते….
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम
असल में उन्ही से रिश्ते गहरे होते हैं…
धुप से जल कर मरा है वो,
कमबख्त चाँद पर कविताएँ लिखता था..!!
दोनों हाथों से लूटती है हमें ,
कितनी ज़ालिम है तेरी अंगड़ाई…!
चाहे फेरे ले लो या कहो कबूल है
अगर दिल में प्यार नहीं तो सब फिजूल है|
बड़े अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग
दोस्त बन जाते हैं.
मिलने की खुशी दें या न दें,
बिछड़ने का गम जरुर दे जाते हैं…!!
धीरे धीरे बहुत कुछ बदल रहा है…
लोग भी…रिश्ते भी…और कभी कभी हम खुद भी…
अगर तू आंसू है तो फिर…..
मेरा भी रोना जरूरी है….