वक्त सिखा देता है इंसान को फ़लसफ़ा जिंदगी का
फिर नसीब क्या-लकीर क्या-और तकदीर क्या
Category: Sad Bewafa Shayri
तुम्हारी ये आम सी
तुम्हारी ये आम सी बातें,….
मुझे बहुत ख़ास लगती है……!!
बहा के आंसू
बहा के आंसू कल रात माँगा था उसे
मगर अफ़सोस
फरिश्तो ने कहा शर्त-ए-कबुलियत ये है की दुआ दोनों तरफ से हो
किसी ने पूछा
किसी ने पूछा तुम्हारी सबसे बड़ी “गलतफहमी” क्या थी…
मैँने हँसकर कहा की उस पर विशवास करना।
हर शाम उड़ते परिंदों को
हर शाम उड़ते परिंदों को देखकर दिल से ये दुआ निकलती है,
कि घर किसीका न उजड़े ज़िन्दगी तलाश करते-करते !!
ज़माना बहुत तेज़ चलता है
ज़माना बहुत तेज़ चलता है
साहेब…
मैं एक दिन कुछ ना लिखूँ…लोग मुझे भूलने लगते हैं|
जिस दिन सादगी
जिस दिन सादगी, श्रुंगार हो जाएगी…
उस दिन,
आईनों की हार हो जाएगी..!!
उन्हें ठहरे समुंदर ने
उन्हें ठहरे समुंदर ने डुबोया
जिन्हें तूफ़ाँ का अंदाज़ा बहुत था |
हम हो गए तुम्हारे
हम हो गए तुम्हारे,
तुम्हें सोचने के बाद;
अब न देखेंगे किसी को,
तुम्हें देखने के बाद;
दुनिया छोड़ देंगे,
तुम्हें छोड़ने के बाद;खुदा!
माफ़ करे इतने झूठ बोलने के बाद!
कोशिश तो रोज़ करते हैं
कोशिश तो रोज़ करते हैं के वक़्त से समझौता कर लें….
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कम्बख़्त दिल के कोने में छुपी उम्मीद मानती ही नहीं…