सोचा ही नहीं था..
जिन्दगी में ऐसे भी फ़साने होगें…!!
रोना भी जरूरी होगा..
और आँसू भी छुपाने होगें…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सोचा ही नहीं था..
जिन्दगी में ऐसे भी फ़साने होगें…!!
रोना भी जरूरी होगा..
और आँसू भी छुपाने होगें…!!!
तुम्हारी बेरुखी पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने,
अगर तुम मेहरबां होती, हमारा हाल क्या होता….
उम्मीद वफ़ा की,और तमन्ना जिस्म की
इन पढ़े-लिखों की मोहब्बत से तो, मैं गवांर ही अच्छा हूं|
दो गज़ ज़मीन नसीब हो गयी यही बहुत है,
सिकंदरो को अब जहान सारा मुबारक हो|
हर रात मैं लिखूं….
ज़रूरी तो नहीं….
कभी-कभी लफ्ज़ भी सोया करते है…
टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देखकर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए|
छोड़ ये बात,… मिले जख्म,….. मुझे कहां से,
ऐ ज़िन्दगी इतना बता, कितना सफर बाकी है…
पलको पे बिठा के रखेगे ससुराल वाले….
मालूम ना था बाबा भी झूठ बोलेगे…..
सहम सी गयी है ख्वाइशें..
जरूरतों ने शायद उनसे….ऊँची आवाज़ में बात की होगी।
तू जादू हैं तो कोई शक नहीं हैं
मै पागल हूँ तो होना चाहिए था.!