हमें तो सुख मे साथी चाहिये दुख मे तो हमारी “माँ”
अकेली ही काफी हैं…
Category: Sad Bewafa Shayri
अपने लिए हूँ
अच्छा बुरा जैसा भी हूँ …अपने लिए हूँ….
में खुद को नहीं देखता…ओरों की नज़र से ।।
जिंदगी के उसूल
जिंदगी के उसूल भी
कबड्डी के खेल की तरह है…,
जैसे ही सफलता की लाईन को छूते है ,
लोग लग जाते है पीछे खीचने मे !!!
मैंने भी बदल दिये
मैंने भी बदल दिये ज़िन्दगी के उसूल,
अब जो याद करेगा…,सिर्फ वो ही याद रहेगा…!!
इश्क कर लीजिये
इश्क कर लीजिये बेइंतेहा किताबों से…
एक ये ही अपनी बात पलटा नहीं करतीं…!!!
मुलाकात के रास्ते
मुलाकात के रास्ते खुले हैं …. अगर तुम अपनी जिद्द
छोड़ दो…
मैं तो बस
मैं तो बस युही गुनगुना रहा था…..”कभी जो बादल बरसे”…
.खुदा ने तो सीरियस्ली
ले लिया….!!!!
एक नफरत ही हैं
एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं..
वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.
पैसे मैं भले
पैसे मैं भले ऊपर नहीं लेकर जाऊंगा,मगर जब तक मैं नीचे हूँ,ये मुझे बहुत ऊपर लेकर जाएगा…
कोई हसरत नहीं
जिन्दगी में हसरतों की यूँ तो कोई कमी नहीं,
पर ना जाने क्यों तुम्हारे सिवा और कोई हसरत नहीं.