कोई जन्नत का
तालिब है कोई गम से परेशान है,
ज़रूरत सजदा करवाती है इबादत
कौन करता है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोई जन्नत का
तालिब है कोई गम से परेशान है,
ज़रूरत सजदा करवाती है इबादत
कौन करता है..
कीसी ने फूल
से पूछा की जबतुम्हें तोड़ा गया तो तुम्हेंदर्द नहीं हुआ “”फूल ने जवाब
दीया तोड़ने वालाइतना खुश था की मैंअपना दर्द भी भूल गया”
जब तक साँस है ,
टकराव मिलता रहेगा
जब तक रिश्ते हैं
,
घाव मिलता रहेगा
पीठ पीछे जो बोलते हैं ,
उन्हें पीछे ही रहने दे ,
रास्ता सही है तो गैरों से भी
लगाव मिलता रहेगा…!!
जु़बानी इबादत ही काफी नहीं
खु़दा सुन
रहा है खयालात भी….
सुना है ज़िन्दगी इम्तिहाँ लेती है “यार”
मगर यहाँ
तो इम्तिहानों ने ज़िन्दगी ले ली !
गुरुर ना कर तू अपनी शख्सियत का,
मेरा भी ख़ाक होना
है तेरा भी ख़ाक होना है.
यह अजीब मुल्क है,
हर जरूरत पर शुल्क है,
ढूंढ कर देते है लोग
सलाह नि:शुल्क है..!
उसकी यादों को दिल से भूलाने चला हूँ
मै खुद अपनी हस्ती
मिटाने चला हूँ
अदाकारी ज़रा सी जेब में
रखकर सफ़र करना,अभी इस ज़िंदगी में और भी किरदार जीने हैं..
जिन्दगी के बैंक में जब प्रेम का बैलेंस
कम हो जाता हैं तब सुख के चैक बाऊंस होते हैं।