संबंधो को निभाने के
लिए समय निकालियें ..
वरना जब आपके पास समय होगा,
तब तक शायद संबंध ही ना बचें!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
संबंधो को निभाने के
लिए समय निकालियें ..
वरना जब आपके पास समय होगा,
तब तक शायद संबंध ही ना बचें!!
मुझे सिर्फ़ इतना बता
दो…
इंतज़ार करूँ या बदल जाऊँ तुम्हारी तरह…..
खरीदने निकला था थोड़ी ख़ुशी,
ज्यादा खुश
तो वो मिले जिनकी जेबें खाली थी…!!
आ गई याद शाम ढलते
ही,
बुझ गया दिल चराग जलते ही।
दिल उदास है बहुत कोई
पैगाम ही लिख दो,
तुम अपना नाम ना लिखो गुमनाम ही लिख दो…
“यादों की कसक…साँसों
की थकन…आँखों में नमी है…,
ज़िन्दगी…तुझमे सब कुछ है बस…“उसकी” कमी है…!”
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे….!!!!