एक सुबह हो जाती हैं हर शाम मेरी,
ऐसा भी एक रात रहती हैं मेरे दिन में।
Category: Sad Bewafa Shayri In Hindi
जब से तुम्हारा पता
जब से तुम्हारा पता मालूम हुआ हैं।
पता नही क्या क्या भूल गया हूँ मैं।
तुमसे हारा मैं
तुमसे हारा मैं, जिस बात पर,
तुम्हारे बात ना करने की बात थी।
ये बेवजह मेंरा वजह ढूंढ
ये बेवजह मेंरा वजह ढूंढ लाना,
तेरी दी हुई आदतों में से ही एक हैं।
मैंने जैसे तुम्हे चाहा
मैंने जैसे तुम्हे चाहा,
तुमने चाहा कब?
अब ना करो प्यार की बातें,
फ़ोकट हुआ हैं प्यार अब।
कौन समझ पाया है
कौन समझ पाया है आज तक हमे…
हम अपने हादसों के इकलौते, गवाह हैं…!
क्या करोगे ये जानकर
क्या करोगे ये जानकर कि कितना प्यार करते हैं तुमसे….
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❊ बस इतना जान लो, कि वो नम्बर तुम्हारा ही था
❊ जो मुझसे पहली बार याद हो पाया था…
बचपन में खेल आते थे
बचपन में खेल आते थे हर इमारत की छाँव के नीचे…
अब पहचान गए है मंदिर कौनसा और मस्जिद कौनसा।।
मुझे
मुझे
कहना है अभी
वह
शब्द
जिसे कहकर
निःशब्द को जाऊँ
मुझे
देना है अभी
वह सब
जिसे देकर
निःशेष हो
जाऊँ
मुझे
रहना है अभी
इस तरह
कि मैं रहूँ
लेकिन
‘मैं’ रह न जाऊँ I
पानी फेर दो इन पन्नो
पानी फेर दो इन पन्नो
पर.. ताकि धुल
जाये स्याही..!
ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन
करता है.. कभी कभी..!