यारी का मोल

तुम मुझसे यारी का मोल ना पूछना कभी,
तुमसे ये किसने कह दिया की पेड़ अपनी छाँव बेचते है…

दुसरों की अपेक्षा

दुसरों की अपेक्षा अगर आपको सफलता,
यदि देर से मिले तो निराश नही होना चाहिये क्योँकि
मक़ान बनने से ज्यादा समय महल बनने मेँ लगता
है||

खमोश लब हैं

खमोश लब हैं झुकी है पलकें,
दिलों में उल्फत नई नई है ,,
अभी तकल्लुफ है गुफ़्तगू में,
अभी मुहब्बत ये नई-नई है,,
अभी न आएगी नींद तुमको ,
अभी न हमको सुकूं मिलेगा ,,
अभी तो धड़केगा दिल ज़्यादा,
अभी ये चाहत नई नई है ,,
जो खानदानी रईस हैं वो ,
मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना,
तुम्हारा लहजा बता रहा है ,
तुम्हारी ये दौलत नई नई है ,
जरा सा कुदरत ने क्या नवाज़ा,
कि आ के बैठे हो पहली सफ में,
अभी से उड़ने लगे हवा में ,
अभी ये शोहरत नयी नयी है ||

दीपक बोलता नहीं

दीपक बोलता नहीं उसका
प्रकाश परिचय देता है ।
ठीक उसी प्रकार…
आप अपने बारे में कुछ न बोले,
अच्छे कर्म करते रहे
वही आपका परिचय देगे