खोऐ हुए थे

खोऐ हुए थे सभी अपनी जीन्दगी कि उलझनो मे !

जरा सी जमीन क्या हिली लोगो को खुदा याद आ गया !!!!!!!!

जो हमारा प्यार है

जो हमारा प्यार है,उन्हें किसी और से प्यार है,
बस हार गऐ हम ये जानकर की जिससे उन्हें प्यार है वो हमारा यार है…

नशे से महकते हैं

अंदर के नशे से महकते हैं लोग

बाहर के नशे से बहकते हैं लोग …और जो किसी नशे में बहकता नहीं वह बुद्ध कहलाता है ।।

कहीं एक मासूम

कहीं एक मासूम सा अरमान टूटा होगा
फिर मिट्टी का कच्चा मकान टूटा होगा

अमीरों के लिए बेशक तमाशा हो जलजला
गरीब के सर पे तो आसमान टूटा होगा

उलझे हुए है

उलझे हुए है आजकल अपनी उलझनों में… तुम ये ना समझना कि
तुम्हें चाहा था
बस दो दिन के लिए