जरुरी तो नहीँ

जरुरी तो नहीँ हर रिश्ते को नाम की डोर से बाँधा जाए,
बाँधे गए रिश्ते अक्सर टूट जाते हैँ..!!!

पत्थर पे लिखी लकीर

इंसान हूँ, तहरीर नहीं हूँ मैं ।
पत्थर पे लिखी लकीर नहीं हूँ मैं ।।
मेरे भीतर इक रूह भी बसती है लोगों
सिर्फ़ एक अदद शरीर नहीं हूँ मैं ।

मजबूर बना देता है

वक़्त नूर को बेनूर बना देता है!
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है!
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है!

मेरी हर धड़कन

तुम क्या जानो
कहाँ हो तुम
मेरे दिल में
मेरी हर धड़कन में
हर निगाह
जो दूर तलाक जाती है
हर आशा
जो पूरा होना चाहती है
तुम क्या जानो
क्या हो तुम मेरे लिए
मेरी हर पल की आस
मेरा विश्वास
ज़िन्दगी की बैचेन घड़ियों में
जिन्दा रहने को
पुकारती हुई तुम
मेरे करीब….हर पल
तुम ही तुम हो
मेरे लिए ये विश्वास भी
सिर्फ तुम…

हर नज़र में

हर नज़र में एक कोशिश होती है, हर दिल में एक चाहत होती है. मुमकिन नहीं हे हर एक के लिए ताजमहल बनाना, क्योकि हर एक के दिल में चार – पांच मुमताज़ होती है!.

वो साथ था

वो साथ था हमारे या हम पास थे उसके…?

वो ज़िन्दगी थी कुछ दिन या थे ज़िन्दगी के कुछ दिन….?