क्या करेंगे मुस्कुराहट को ले कर
अब तो बरसो से गम की बरसात में
जीने की आदत सी ही गई है|
Category: Sad Bewafa Shayri In Hindi
अंधों को दर्पण
अंधों को दर्पण क्या देना, बहरों को भजन सुनाना क्या.?
जो रक्त पान करते उनको, गंगा का नीर पिलाना क्या.?
सस्ता सा कोई
सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मोह्ब्बत का ..!
एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं….
तेरी चाहत में
तेरी चाहत में रुसवा यूं सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया…और हम ही गुनाहगार हो गये।
किश्तों में खुदकुशी
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी…
इंतज़ार तेरा…मुझे पूरा मरने भी नहीं देता ।
क्या पूछता है
क्या पूछता है हम से तू ऐ शोख़ सितमगर,
जो तू ने किए हम पे सितम कह नहीं सकते…
बहुत बदल गया हूँ
क्या है जो बदल गई है दुनिया
मैं भी तो बहुत बदल गया हूँ|
ना हुस्न ढला है
ना हुस्न ढला है ना इश्क़ बिका है
लोगो का बस थोड़ा जमीर गिरा है|
वो जो अँधेरो में
वो जो अँधेरो में भी नज़र आए
ऐसा साया बनो किसी का तुम!
हाथ बेशक छूट गया
हाथ बेशक छूट गया,
लेकिन
वजूद उसकी उंगलियो में ही रह गया..