ख्याल-ए-यार में नींद का तसव्वुर कैसा,
आँख लगती ही नहीं, आँख लगी है जब से|
Category: Sad Bewafa Shayri In Hindi
रह रह के ताजा
रह रह के ताजा हो जाते हैं जख्म ,
हवा भी मजाक करती है खिड़कियों के सहारे…
कितने बरसों का सफर
कितने बरसों का सफर यूँ ही ख़ाक
हुआ।
जब उन्होंने कहा “कहो..कैसे आना हुआ ?”
मेरी खमोशियो के राज़
मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम…
जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है…
दिल की कीमत
दिल की कीमत तो मुहब्बत के सिवा कुछ ना थी…
जितने भी मिले सूरत के खरीद्दार मिले…
दो कदम चलकर
दो कदम चलकर अक्सर हम रुक जाया करते है ,
क्यों इंतजार रहता है उनका,
जो राह में छोड़कर चले जाया करते है|
अगर देखनी है
अगर देखनी है कयामत तो चले आओ हमारी महफिल मे
सुना है आज की महफिल मे वो बेनकाब आ रहे हैँ|
उसे मिल गए
उसे मिल गए उसकी बराबरी के लोग
मेरी गरीबी मेरी मोहब्बत की कातिल निकली |
तुम हो मुस्कान
तुम हो मुस्कान लबों की….
बाकी ज़िन्दगी खाली-ख़ाली…!!
न कोई फिकर
न कोई फिकर, न कोई चाह
हम तो बड़े बेपरवाह है
उम्र फकीराना गुजरी है
हम तो ऐसे शहंसाह है|