बेताब हम भी है.. दर्द -ए -जुदाई की कसम, रोती वो भी होगी.. नज़रें चुरा चुरा के !
Category: Sad Bewafa Shayri In Hindi
जमीर ही आँख नही मिलाता
जमीर ही आँख नही मिलाता वरना, चेहरा तोआईने पर टूट पड़ता है….
गम ऐ बेगुनाही के मारे है
गम ऐ बेगुनाही के मारे है,, हमे ना छेडो.. ज़बान खुलेगी तो,, लफ़्ज़ों से लहू टपकेगा.
उम्मीद से कम
उम्मीद से कम चश्मे खरीदार में आए हम लोग ज़रा देर से बाजार में आए..
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं रफ्तार किसकी कितनी है … सवाल ये है सलीक़े से कौन चलता है…!!
लिख कर बयां नही कर सकता
लिख कर बयां नही कर सकता मैं हर गुफ़्तुगू, कुछ था जो बस नज़रों से नज़रों तक ही रहा..
शायराना चाहता हूँ…
आखरी हिचकी तेरे पहलू में आये मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ…
बाँटने निकला है
बाँटने निकला है वो फूलों के तोहफ़े शहर में, इस ख़बर पर हम ने भी, गुल-दान ख़ाली कर दिया|
ये जो तेरा होकर भी
ये जो तेरा होकर भी ना होने का अहसास है… बस ये अधूरापन ही मुझे जीने नहीं देता|
उम्र भर ख़्वाबों की
उम्र भर ख़्वाबों की मंज़िल का सफ़र जारी रहा, ज़िंदगी भर तजुरबों के ज़ख़्म काम आते रहे…