फासला नज़रों का धोखा भी हो सकता है।
वो मिले ना मिले तुम हाथ बढ़ा कर देखो |
Category: Quotes
मौत का आलम
मौत का आलम देख कर तो ज़मीन भी दो गज़ जगह दे देती है…
फिर यह इंसान क्या चीज़ है जो ज़िन्दा रहने पर भी दिल में जगह नहीं देता…
दूरियां भी क्या
दूरियां भी क्या क्या
करा देती हैं….
कोई याद बन गया….
कोई ख्वाब…
कल के नौसखिए..
कल के नौसखिए..सिकंदर हो गए..!
हल्की हवा के झोंके..बवंडर हो गए..!
मै लड़ता रहा..उसूलों की पतवार थामें..!
मै कतरा ही रहा..लोग समन्दर हो गए..
वो तेरी गली का
वो तेरी गली का तसव्वुर वो नज़र नज़र पर पहरे…
वो मेरा किसी बहाने तुझे देखते गुज़रना…!
आज मुझसे पूछा
आज मुझसे पूछा किसी ने कयामत का मतलब ,
और मैंने घबरा के कह दिया रूठ जाना तेरा !!
कितना खुशनुमा होगा
कितना खुशनुमा होगा वो मेरे इँतज़ार का मंजर भी…
जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आँसु बहायेंगे.
किस खत में
किस खत में रखकर भेजूं अपने इन्तेजार को ,
बेजुबां है इश्क़ , ढूँढता हैं खामोशी से तुझे|
बस यूँ ही
बस यूँ ही लिखता हूँ वजह क्या होगी ..
राहत ज़रा सी आदत ज़रा सी ..
ये इश्क तो
ये इश्क तो बस एक अफवाह है..
दुनिया में किसको किसकी परवाह है..