तेरी सादगी ही कत्ल करती है मेरा ,
क्या होगा जब सँवर के आएगी तू !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरी सादगी ही कत्ल करती है मेरा ,
क्या होगा जब सँवर के आएगी तू !
क्यूँ देखते हो बार बार मेरा लास्ट सीन
प्यार करते हो या जासूसी..??
मैं तन्हाई को तन्हाई में तन्हा कैसे छोड़ दूँ.
इस तन्हाई ने तन्हाई में तन्हा मेरा साथ दिया था |
ये दुनिया अक्सर सस्ते में उन्हें लूट लेती है;
खुद की क़ीमत का जिन्हें अन्दाज़ा नहीं होता!
दिल का हर घाव भरने लगता है
तेरी आवाज़ है कि मरहम है|
नींद तो अब भी बहुत आती है मगर…
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समझा बुझा के मुझे उठा देती हैं ज़िम्मेदारियां…!
हज़ार बार माँगा करो तो क्या हांसिल ,
दुआ वहीं है जो दिल से कभी निकलती हैं |
उम्र भर धुप लपेटे रहे तन से अपने..,
हमसे पहनी ना गयी उसकी उतारी हुई शाम …!!
प्यार वो नहीं जो कोई कर रहा है,
प्यार वो है जो कोई निभा रहा है …
फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा|