मोहब्बत ठंड जैसी है साहब।।।।
लग जाये तो बीमार कर देती है।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मोहब्बत ठंड जैसी है साहब।।।।
लग जाये तो बीमार कर देती है।।
कुछ बाते उससे छुपायीं थी …
और कुछ कागज़ों को बतायीं थी …
किताब-ए-इश्क से इस मसले का हल पुछो…….!!
जब कोई अपना रूठ जाये तो क्या करें…….??
गम बिछड़ने का नहीं करते खानाबदोश ,वो तो वीराने बसाने का हुनर जानते हैं…….
ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे ,
अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो….
जो चीज़ उन्होंने ख़त में लिखी थी, नहीं मिली.
ख़त हमको मिल गया है, तस्सली नहीं मिली…..
तू मांग तो सही अपनी दुआओं में बददुआ मेरे लिए,
देखना मैं हंसकर खुदा से आमीन कह दूंगा..!!
तुम आँख कि बरसात बचाए हुए रखना….
कुछ लोग अभी….आग
लगाना नही भुले
दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते है,
मामूली शब्दों में ही सही,कुछ खास लिखते हैं|
कभी नूर-ओ-रँग भरे चेहरे से
इन घनी जुल्फोँ का पर्दा हटाओ,जरा हम भी तो देखेँ,
आखिर
चाँद होता कैसा है….!!!