कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं, मै वो शख़्स नहीं,
मैं वो शायरा हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है…।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं, मै वो शख़्स नहीं,
मैं वो शायरा हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है…।।
जब तुम करीब होते हो तो मदहोश हुए जाते है
जब दूर होते हो तो ख्यालों में ग़ुम हुए जाते है…..
सँभल के रहिएगा ग़ुस्से में चल रही है हवा,
मिज़ाज गर्म है मौसम बदल रही है हवा…
मैं पा नहीं सका इस कशमकश से छुटकारा
तू मुझे जीत भी सकता था मगर हारा क्यूँ|
मुझे भी शुमार करो अब गुनहगारों की फेहरिस्त में,
मैं भी क़ातिल हूँ हसरतों का, मैंने भी ख्वाहिशों को मारा है…।
एक था राजा, एक थी रानी,
दोनों मर गए, खत्म कहानी
कुछ याद आया, सबने भूतकाल में सुना होगा !
अब भविष्य की सुनो
कोख से बेटी, धरती से पानी
दोनों मिट गए, खत्म कहानी………
मौत मेरी हो गयी किसने कहा झूंठ है आकर सरासर देख लो
मैं कड़ी धूप में
चलता हूँ इस यकींन के साथ
मैं जलूँगा तो
मेरे घर में उजाले होंगे !
कुछ लोग मुझे अपना कहा करते थे,
सच कहूँ वो सिर्फ कहाँ ही करते थे..
हमने जब कहा नशा शराब का लाजवाब है,
तो उसने अपने होठो से सारे वहम तोड़ दिए।