जिस कदर उसकी कदर की हमने,
उस कदर बेकदर हुए है हम !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जिस कदर उसकी कदर की हमने,
उस कदर बेकदर हुए है हम !!
एक तेरे बगैर ना गुजरेगी मेरी ज़िन्दगी …
बता मैं क्या करू सारे ज़माने की मोहब्बत ले के
गैरों पे हो रही है हज़ारों नवाज़िशें,
अफ़सोस हम सितम के भी क़ाबिल नहीं रहे !!
या कोई जानबूझकर अनजान हो गया..
या फिर यूँ हुआ के मेरी सूरत बदल गयी।।।
बहुत कुछ होता है…कहने को… सुनने को…
जब मिलता है किसी मोड़ पे प्यार पुराना अपना…
ग़ज़ल में इश्क़ की बूंदे ?
दूर रखो तेज़ाब सी लगती है ।
तुम अकेले क्या इश्क़ करोगे
आओ आधा-आधा कर लेते है|
कैसे इस दिल से तुझे भुला दें हम
तेरे नाम की लय पर तो धड़कनें चलती हैं..!!
सँवारती है सदा जिस की चाहत मुझको
मेरी दुआ है की मैं उसकी हसरतों में रहूँ…
अपनी तन्हाई मेरे नाम पे आबाद करे
कौन होगा जो मुझे उस की तरह याद करे |